मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से हो । मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से...
समझदारी की डोर थामे चल पड़ा युगल अनंत की ओर। समझदारी की डोर थामे चल पड़ा युगल अनंत की ओर।
नदी के दोनों तट हैं मौन, सुना पर कानों ने सम्वाद । नदी के दोनों तट हैं मौन, सुना पर कानों ने सम्वाद ।
कवि के मन का भेद है कविता। वियोगी चित्त का खेद है कविता।। कवि के मन का भेद है कविता। वियोगी चित्त का खेद है कविता।।
शब्द और मौन, दोनोंं ही जीवन में ज़रूरी हैं और दोनो ही जीवन का अभिन्न अंग हैं शब्द और मौन, दोनोंं ही जीवन में ज़रूरी हैं और दोनो ही जीवन का अभिन्न अंग हैं
उठना है अगर तुम्हें तो अपनी नज़र में उठो, उठना है अगर तुम्हें तो अपनी नज़र में उठो,